भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के प्रगति क विवरण


1. भोजपुरी आ जनपदीय अध्ययन में पी0 जी0 डिप्लोमा क पूर्ण कालिक अ अंश कालिक पाठ्यक्रम अउर भोजपुरी भाषा सीखे खातिर चार महिना क एगो अल्पकालिक पाठ्यक्रम एह सत्र से शुरु होखे जात बा।

2. 12 जुलाई 2011 के भोजपुरी क विकासः समस्या और सम्भावनाएं विषय प बी0 एच0 यू0 कोर्ट अउर राज्य सभा क सदस्य माननीय कलराज मिश्र के व्याख्यान भइल।

3. 26 मार्च 2011 के �कविता कइसे पढल जा� एह विषय प उत्त्ार प्रदेश हिन्दी संस्थान क सहयोग से एगो कार्यशाला आयोजित भइल।

4. 2-3 फरवरी 2011 के �वीर कुॅंवर सिंहः इतिहास बनाम लोकस्मृति� विषय पर प्ब्भ्त् के सहयोग से अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार भइल।

5. लोकसभाध्यक्षा, माननीया, श्रीमती मीराकुमार जी के हाथे भोजपुरी भवन आ लोक कला संग्रहालय बनावे खातिर सुन्दर बगिया में 20 नवम्बर 2010 के शिलान्यास भइल। 

6. �भोजपुरी के विकास की दिशाएॅं � विषय प माननीय लोकसभा अध्यक्षा श्रीमती मीराकुमार क व्याख्यान 20 नवम्बर 2011 के भइल।

7. प्रो0 चन्द्रदेव सिंह, कुलपति इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के �भोजपुरी के विकास की दिशाएँ� शीर्षक व्याख्यान दिनांक- 30-08-10 के भइल।

8. प्रसिद्ध कवि केदारनाथ सिंह के �भोजपुरी का भविष्य� विषय प व्याख्यान दिनांक -30.4.10 के भइल। 

9. विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश त्रिपाठी अउर कुछ सदस्य लोगन के साथ मुम्बई में बैठक भइल, जवना में रु0. 51,000.00 (एकावन हजार रुपया मात्र) सहयोग के रूप में मिलल। खास बात ई रहे कि इ सहयोग एगो मराठी बोले वाला आदमी दीहल। एकरा पहिले सिंह मेडिकल के डाॅ0 अशोक सिंह से रु0. 25,000.00 (पच्चीस हजार रुपया मात्र) सहयोग के रूप में मिलल रहल।

10. केंद्र खातिर दस मानद एसोसिएट नामित कइल गइल बाड़े। ई लोग अपने अपने परियोजना प काम कइ रहल बाड़े।

11. भोजपुरी भाषा आ समाज के अध्ययन खातिर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कई विभागन के साथ मिलिके शोध परियोजना तैयार कइल गइल बा। एह में खेती-बाऱी हाथ के हुनर, रहन सहन के ढंग, स्थानीय ज्ञान, जनपदीय जीवन आ संस्कृति के बारे में अध्ययन कइल जाई। जवना-जवना विभाग से सहयोग मिले वाला बा, ओह में मुख्य बा- प्राचीन भारतीय इतिहास आ संस्कृति (कला संकाय), इतिहास विभाग, महिला अध्ययन आ विकास केन्द्र (सामाजिक विज्ञान संकाय), चित्र कला विभाग, व्यावहारिक कला विभाग (दृश्यकला संकाय), भूगोल विभाग (विज्ञान संकाय)।भोजपुरी भाषा के व्याकरण के अध्ययन खातिर संस्कृत धर्म विद्या संकाय के साथ मिलिके एगो प्रोजेक्ट तैयार कइल रहल बा। 

12. दिनांक- 25-27 दिसंम्बर 2009 के पुराछात्र सम्मेलन के अवसर पर �भोजपुरी के हजार वर्ष� पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित कइल गइल। 

13. प्रसिद्ध संस्कृति चिन्तक प्रो0 कमलेशदत्त त्रिपाठी के �जनपदीय संस्कृति के आधार: भोजपुरी के विशेष संदर्भ� में शीर्षक व्याख्यान दिनांक - 7.12.09 के भइल। 

14. �भोजपुरी के विकास की दिशाएँ संवाद शृंखला के उद्घाटन मारीशस के माननीय राष्ट्रपति श्री अनिरूद्ध जगन्नाथ के भाषण (दिनांक- 6-12-2009) से भइल। 

15. राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन, दिल्ली में केन्द्र के भागीदारी भइल। �दि संडे इंडियन (भोजपुरी) के साथ मिलके भोजपुरी भाषा आ संस्कृति पर कार्यक्रम करे खातिर योजना बन रहल बा।

16. मारीशस के रवीन्द्रनाथ टैगोर संस्थान भोजपुरी अध्ययन केन्द्र के साथे मिलिके भिखारी ठाकुर कार्यक्रम में रुचि देखवलसि ह। एह दिशा में बातचीत हो रहल बा। 

17. केन्द्र के प्रतिनिधि लोग सन् 2009 मे विश्व भोजपुरी सम्मेलन में भाग लेबे खातिर मारीशस गइल रहे। मारीशस में महात्मा गाँधी संस्थान के मुखिया लोग से पढ़ाई-लिखाई अउर संस्कृति के क्षेत्र में आपसी सहयोग खातिर बातचीत चल रहल बा। मारीशस में भोजपुरी के राजभाषा बनावे खातिर प्रयास हो रहल बा। उहवाँ भोजपुरी के पढ़ावे खातिर प्रशिक्षित अध्यापक लोग के जरूरत होई। मारीशस के महात्मा गांधी संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के साथ मिलके प्रशिक्षित अध्यापक तैयार करे खातिर कार्यशाला आयोजित कइल चाहत बा। फिजी, हालैंड, सूरीनाम, अमेरिका, अउर इंग्लैंड के प्रतिनिधि लोग भी भोजपुरी में शोध आ पढ़ाई-लिखाई में आपन दिलचस्पी देखावत बा। भोजपुरी अध्ययन केन्द्र भोजपुरी में पढ़े-पढ़ावे खातिर कुछ उपाय तलाश रहल बा।

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