राष्ट्रीय सेवा योजना की विभिन्न इकाईयों द्वारा स्थानीय
आवश्यकताओं स्त्रोतों और कुशल व्यक्तियों को देखते हुए विविध प्रकार के
कार्यक्रम अभिग्रहित क्षेत्रों में लिए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त
विद्यार्थीगण अन्य क्षेत्रों में भी सेवा कार्य के लिए स्वतंत्र होंगे।
राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित गतिविधियाँ हो सकती हैं।
१- शिक्षा एवं मनोरंजन इसके अन्तर्गत साक्षरता, स्कूली शिक्षा पाठशाला छोड़ने
वाले बच्चों की शिक्षा बालगृहों में कार्यशाला प्रवेश कार्यक्रम सांस्कृतिक
गतिविधियाँ ग्रामीण एवं देशी खेलकूद सामाजिक बुराईयों के उन्मूलन पर चर्चाएँ
एवं जागरूकता के कार्यक्रमों का आयोजन मुखय है।
२-
आपातकाल के कार्यक्रम विद्यार्थियों को प्रमुख रूप से लोगों को उनकी असहायता
पर काबू पाने योग्य बनाने के लिए उनके साथ मिलकर कार्य करने सम्बन्धी
कार्यक्रमों पर जोर देना चाहिए। इसके अलावा प्राकृतिक विपदाओं जैसे भूकम्प
बाढ तूफान आदि के आने पर सहाया और पुर्वास कार्यो में स्थानीय लोगों
अधिकारियों संस्थाओं को सहयोग देना प्रमुख हैं।
३-
पर्यावरण संवर्धन एवं परिक्षण ऐतिहासिक स्मारकों पुरावशेषों व अन्य
सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं उनके प्रति चेतना पैदा करना पर्यावरण के
प्रति समाज में चेतना जागृत करना वृक्षारोपण उनका बचाव और अनुरक्षण स्वच्छता
के लिए सड़कों गलियों नालियों तालाबों पोखरों कुओं आदि की सफाई भूमि क्षरण
की रोकथाम तथा भूमि सुधार गोबर गैस संयत्र सौर ऊर्जा के प्रयोग का प्रचार
करना।
४-
स्वास्थ्य परिवार कल्याण और आहार पोषण कार्यक्रम टिकाकरण रक्तदान स्वास्थ्य
शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य की देखभाल जनसंखया शिक्षा और परिवार कल्याण
रोगियों अनाथों वृद्धों की सहायता स्वच्छ पेयजल के प्रदाय की व्यवस्था
एकीकृत बाल विकास तथा पौष्टिक आहार कार्यक्रमों का संचालन।
५-
महिलाओं के स्तर सुधार के कार्यक्रम महिलाओं की शिक्षा तथा उन्हें अपने
संवैधानिक और कानूनी अधिकारों के प्रति सचेत करना उनके सशक्तीकरण के उपाय
सुझाना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आदि
कार्यक्रम संचालित करना।
६-
उत्पादनोन्मुखी कार्यक्रम उन्नत कृषि के तरिकों की जानकारी कीट व खरपतवार
नियंत्रण भूमि परिक्षण एवं उपजाऊपन की देखभाल कृषि यंत्रों की देखभाल सहकारी
समितियों के सुदृढ़ीकरण और उनके प्रोत्साहन के लिए फार्म पशु पालन कुक्कुट
पालन पशु स्वास्थ्य के बारे में सहायता एवं मार्गदर्शन कृषि तकनीकों के
प्रयोग के प्रति जागरूकता पैदा करना आदि।
७-
अन्य गतिविधियाँ जो स्थानीय आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के आधार पर की जाएँ।
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